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जरा बचके चलना

बड़ी-बड़ी आशाओं के,

 गहन सरोवर हैं,

 जरा बचके चलना।

कभी गिरे तो, 

मोती माणिक ,

कभी पत्थर तीखे हैं ,

जरा बचके चलना।

 हर रिश्ते से बंधी हुई,

 कितनी, आशाओं की डोर ,

जाने कितनी उम्र कटेगी ,

इसे काटते ,

जरा बचके चलना।

जितने गहरे, 

उतर गए ,

इस जल में,

 बाहर आना मुश्किल है,

 जरा बचके चलना।

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