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मेघा रानी

मेघा रानी,

 बरखा कैसे

 लाती हो

 बताओ ना?

 अंखियों के झूले में, 

क्या मोतियों के मेले हैं ?

 जो टप-टप इनको गिराती हो,

 बताओ ना?

 झूमती है डाली और नदी,

लहराती है,

 हवा बलखाती है तो ,

तुम इतराओ ना ।

जो साथ-साथ उनके,

 गाती गुनगुनाती हो

 तो ,क्या फिर कोई

 नया धुन, बनाती हो

 बताओ ना ?

Comments

  1. 🌧️🌧️🌧️🌧️ i love this poem, the rain and you as the god loves his creation!

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