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ऐ दिल

माना तुम व्यस्त हो रहते, 

बिन मेरे भी मस्त ही रहते, 

मगर हमारी रातें बोझिल, 

दिन बेरंगी हो जाती हैं, 

तुम मानो या फिर ना मानो, 

तुम बिन ऐ दिल, 

सारी महफ़िल सूनी 

सब अपने, 

बेगाने हो जाते हैं।

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