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मेरी क्षमता कितनी है

मेरी क्षमता कितनी है,

क्या है मुझ में शक्ति? 


क्या मैं बुन सकती हूं ?

किसी के टूटे, बिखरे, 

सपनों का घरौंदा, 

अपनी क्षमता से। 


क्या मैं लिख सकती हूं ?

किसी की कल्पित ,

साधना का जीवन लेख ,

अपने हाथों से। 


क्या मैं तेरे जीवन की लौ ,

पुनः जागृत कर सकती हूं।  

क्या मैं किसी की दुःशंका ,

धो सकती हूं ,अपने वचनों से ?


क्या मेरे आलंबन में है, 

इतनी शक्ति, 

दे दूं किसी को नवजीवन? 


हर पल, हर क्षण ,

किसी का उपकार नहीं तो, 

अपकार करुँ ना ,

क्या यह हो सकता है?


 मेरी क्षमता कितनी है,

क्या है मुझमें शक्ति?

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