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रोक लो इसे

जड़ता पिशाच सी, 

बढ़ रही इस ओर,

कहीं ये ग्रस ना ले, 

रोक लो इसे।


भय से कंपित ये अंग, 

बने ना उसका भाजन ,

निस्तब्ध खड़े यह नेत्र, 

जकड़ ना ले इनको, 

रोक लो इसे। 


है कार्य बहुत कुछ शेष, 

समर हुआ है शुरू अभी, 

शत्रु से लड़ना है आसान, 

स्वयं से बचना है मुश्किल। 

रोक लो इसे।


इस पिशाच की छाया काली, 

इसे दूर करो मुझसे , 

समय के गर्भ में जो कुछ है शेष, 

उसे मुक्त रखो इससे ।

रोक लो इसे ।


जड़ता पिशाच सी ,

बढ़ रही इस ओर ,

कहीं ये ग्रस ना ले,

रोक लो इसे।

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