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ओ प्रियतम

तुम मेरी उलझन की, 

गांठे सुलझा देना,

ओ प्रियतम, 

मैं तेरे सारे सपने,

अपनी आंखों में भर लूंगी।


 तुम मेरी भूलों को देखकर ,

अनदेखा कर देना, 

ओ प्रियतम ,

मैं तेरी सारी भूलें,

अपने आंचल से ढंक दूंगी।


 तुम मेरे प्रेम की भाषा, 

मेरे नैनों में पढ़ लेना, 

ओ प्रियतम ,

मैं तुझ पर अपनी सारी ,

संचित प्रेमनिधि लुटा दूंगी। 


तुम मेरी राहों के कंटक, 

नैनों में बस दिखला देना, 

ओ प्रियतम, 

मैं तेरी राहों पर प्रियतम,

अपने नैन बिछा दूंगी।

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