वह हवा के झोंके की तरह है हाथ बढ़ाओ तो आता नहीं… थाम लूं उसे तो वाह वरना आह… वह सोऊं तो सोने नहीं देता जागूं तो हर आहट में है हवा की गुनगुनाहट में सरसराहट में है… मेरी सोच में शामिल है जो जिसकी छुअन गुदगुदाती है जिसकी गाढ़ी छुअन तड़पाती है… ऐसा है वह जिसे पाने की ललक में हर काम बेमतलब… वह 'मच्छर' चोट्टा कभी हाथ आए तो मसल दूं उसे…
विभिन्न विषयों पर मौलिक कविताएं, कहानियां।
Maa to maa hoti hai 🙏🏻
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