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अक्सर

पेड़ों को ऊंचा उठने को, 

नीचे का मोह भुलाना ही होता है, 

अक्सर।

शाखों पर नीचे डोल रहे पत्तों को, 

गिर जाना ही होता है, 

अक्सर ।

साथ रखने की कवायद में, 

पेड़ नहीं बढ़ पाते हैं, 

अक्सर। 

झाड़ी बनकर झुरमुट में, 

अस्तित्व गंवा देते हैं, 

अक्सर। 

लाख मना लो शाखों को, 

लाख करो पत्तों से प्यार, 

पतझड़ आने पर साथ छोड़ जाते हैं, 

अक्सर।

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