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नयन मत खोल

ओ, सपनों के पंख लगा

उड़ने वाले नयन, 

भ्रमर के संग रागिनी छोड़, 

नयन मत खोल। 

दूर कहीं पिंजर से मुक्त, 

जो गा रही उन्मुक्त, 

ना उसकी आंखें खोल, 

गीत कर शुष्क, 

सपनों की मधुर भुलैया में, 

जो भूलते जाते पंथ, 

उड़ा कर दूर ,

वहीं फिर भूल, न जा, 

ओ, सपनों के पंख लगा, 

उड़ने वाले नयन, 

भ्रमर के संग रागिनी छोड़, 

नयन मत खोल। 

आयाम नया, 

विस्तार नया, 

है पंख नया, 

आकाश नया, 

उल्लास नया, 

मत कर चेतन, 

इनको खोकर, 

ओ, सपनों के पंख लगा, 

उड़ने वाले नयन, 

भ्रमर के संग रागिनी छोड़, 

नयन मत खोल।

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