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फासले

फासले, जो बदल देते हैं जिंदगी, 

फासले, जो नहीं चाहते हम, 

फासले, जिन्हें हर रिश्ते के साथ, 

जुड़ना होता है, 

हर भाव के साथ, 

हर स्वप्न के साथ, 

जो मिलते हैं सहज, 

वे हैं फासले।

उम्मीद के पुल पर, 

कुछ कदम साथ चलते, 

जल के प्लावन से ,

टूट बिखर जो पुल गया, 

तो बचे जो बीच,

 वे थे फासले।

बिछड़ कर शून्य से, 

जब जीवन आरंभ हुआ, 

तबसे अब तक, 

न जाने, क्या छूटा, 

कितना छूटा, क्यों छूटा 

है पता नहीं, कब तक छूटे, 

पर यह सत्य है,

आश्वस्त हूँ मैं, 

एक दिन जब वापस, 

शून्य में जाऊँगी मैं ,

तब नहीं होगा, 

कोई बिछोह, 

तब नहीं होंगे 'फासले' ।

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