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मत आओ ना

आज मेरे मन में है जो, 

कर ही लेने दो मुझे वो ,

नहीं करना दिखावा प्यार का 

है आज तुमसे 

नहीं हंसना मुस्कुराना 

देख कर परिचित चेहरे मुझे 

साथी आज बस 

मौन रहने दो ।

आज जो संतक्त सा,  

बोझिल सा है 

ये मन मेरा 

तो देने संवेदना 

कहने को दो बोल प्रिय 

मत आओ ना ।

तुम दूर ही रह जाओ ना, 

मुझे स्वयं से ही उलझने दो 

घड़ी भर ,

स्वयं रोने दो,

स्वयं संभलने दो, 

घड़ी भर, 

मत आओ ना।

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